उम्मीद से कम रह सकता है इस बार टैक्स-कलेक्शन

वित्त सचिव एस. सी गर्ग के अनुसार वर्तमान वित्त वर्ष में इनडारेक्ट टैक्स कलेक्शन कम रहने की संभावना है। उनके अनुसार इस वित्त वर्ष में इनडायरेक्ट टैक्स का लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल होगा।
हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि डायरेक्ट करों के लक्ष्य को समय से पूरा कर लिया जाएगा।

डायरेक्ट कर वो कर होते हैं जो नागरिकों से सीधा सरकार जमा करती है, जैसे आयकर आदि। वहीं इनडाइरेक्ट कर वो होते हैं जिन्हें सरकार नागरिकों से अन्य माध्यमों से प्राप्त करती है। जैसे जीएसटी, कस्टम आदि।

इनडाइरेक्ट कर जमा करने का मूख्य स्त्रोत जीएसटी है। पर हाल में जीएसटी दरों में कटौती और स्लैब्स में फेरबदल के कारण जीएसटी से होने वाली कमाई पर असर पड़ा है।

पिछले वर्ष फरबरी के मुकाबले इस वर्ष जीएसटी में बढोत्तरी तो हुई है। पर अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाई है।
हालांकि डाइरेक्ट करों से भरपाई हो जाने के कारण सरकार अधिक चिंता में नहीं आई लगती है। वित्त सचिव ने एक कार्यक्रम में कहा कि “डायरेक्ट टैक्स के बारे में हम निश्चिंत हैं, लेकिन इनडायरेक्ट टैक्स थोड़ा कम रहने की संभावना है।”
उन्होंने यह उजागर नहीं किया कि इनडायरेक्ट टैक्स कितना कम रह सकता है?

हालांकि वित्त सचिव ने यह भी कहा कि इन परिस्थितियों के बावजूद फिस्कल घाटा 3.4 ही रहेगा। उनके अनुसार इस घाटे की भरपाई बचत से कर ली जाएगी। इस वर्ष में औसत जीएसटी कलेक्शन 95,000 करोड़ रुपये रहा है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस बार कई वस्तुओं को नीचे की जीएसटी स्लैब में लाया गया व कई वस्तुओं पर से कर ही हटा दिया गया। ऐसे में सरकार को यह समस्या झेलनी पड़ रही है।
अर्थव्यवस्था के विस्तार के साथ यह समस्या दूर होने की आशा है।