जल पोत बनाने के लिए जीआरएसई को 6300 करोड़ रुपये का दिया ठेका

भारत सरकार ने भारतीय नौसेना के लिए आठ सबमरीन रोधी युद्धक सतही जल पोत (ASWSWCs) बनाने के लिए गार्डन रिच शिप बिल्‍डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) को ठेका दिया है। यह ठेका 6,311.32 करोड़ रुपये का है।

भारतीय नौसेना ने अप्रैल 2014 में डीपीएसयू शिपयार्ड तथा इंडिया प्राइवेट शिपयार्ड को आरएफपी जारी किया और इसमें आठ एएसडब्‍ल्‍यूएसडब्‍ल्‍यूसी बनाने तथा सप्‍लाई के लिए जीआरएसई ने सफल बोली लगाई। ठेके पर हस्‍ताक्षर करने की तिथि से 42 महीने के अंदर पहला जहाज दिया जाएगा और बाकी जहाजों की डिलीवरी प्रति वर्ष दो जहाज के हिसाब से की जाएगी। परियोजना पूरी होने की अवधि आज से 84 महीने की होगी।

पी17ए परियोजना के अंतर्गत भारतीय नौसेना के लिए अभी जीआरएसई तीन राडार से बचने वाले पोत बनाने का कार्य कर रही है। इस पर रक्षा मंत्रालय की ओर से संयुक्‍त सचिव और खरीद प्रबंधक रविकांत तथा जीआरएसी की ओर से एस.एस. डोगरा निदेशक ने हस्‍ताक्षर किए।

गोरतलब हो कि जीआरएसई देश के लिए युद्धक जहाज बनाती है। 1960 में डीपीएसयू के रूप में जीआरएसई ने अब तक सबसे अधिक लड़ाकू जहाज बनाए हैं। अब तक बनाए गए एक सौ लड़ाकू पोतों में एडवांस जहाज सबमरीन रोधी युद्धक जलपोत फ्रेगट टैंकर, फास्‍ट अटैक पोत शामिल हैं।

वर्तमान परियोजना से जीआरएसई की स्थिति और मजबूत होगी। सतही जल में कार्य करने वाले सबमरीन रोधी जलपोत 750 टन भार के होंगे और इसकी गति 25 नॉट होगी। इसके अतिरिक्‍त इन जहाजों की क्षमता तटीय जल में सतही लक्ष्‍यों को भेदने की होगी। ये जहाज अत्‍यधुनिक होंगे और इनमें प्रोपल्‍सन मशीनरी, सहायक मशीनरी, विद्युत उत्‍पादन और वितरण मशीनरी तथा क्षति नियंत्रण मशीनरी शामिल होगी। जीआरएसई में इन जहाजों का डिजाइन और निर्माण भारत सरकार की मेक इन इंडिया का एक महत्‍वपूर्ण उदाहरण है।