निफ़्टी और सेंसेक्स के लिए नए साल की शुरुआत मंदी से

घरेलु शेयर बाज़ार ने नए साल की शुरुआत मंदी में की क्योंकि निवेशकों ने शेयर बाजार से दूरी बनाये रखी और साम्य बाज़ार नए साल के अवसर पर बंद ही रहा। परन्तु सेंसेक्स और निफ़्टी ने नए साल की शुरुआत सकारात्मक रूप में की जहाँ सेंसेक्स 93 आंकड़े ऊपर दर्ज किया गया जो की 36161 था वहीं निफ़्टी भी 19 आंकड़े ऊपर दर्ज किया गया जो की 10881 था। किन्तु यह आंकड़े कुछ ही पल तक सीमित रहे और शेयर बाज़ार खुलने के कुछ ही पलों बाद आंकड़ों में गिरावट दर्ज की गयी और सेंसेक्स 89 अंक और निफ़्टी 29 अंक नीचे गिर गया।

सेंसेक्स और निफ़्टी ने 2018 की तुलना में 5.9% और 3.2% की बढ़त दर्ज की और यह सेंसेक्स और निफ़्टी की लगातार तीसरी वार्षिक बढ़त है। मई में आने वाले लोकसभा चुनाव के कारण यह साल शेयर बाज़ार के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होने की उम्मीद है।

रिफाइनिटिव के आंकड़ों अनुसा

इतना ही नहीं एमके वैश्विक वित् सेवाओं के धनन्जय सिन्हा के अनुसार वैश्विक तरलता के कारण आने वाले छह महीने शेयर बाज़ार के लिए समतल साबित होंगे जिसमे निफ़्टी के आंकड़े 10400 से 11000 तक बने रहेंगे।

परन्तु भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी विवरण में इस स्तिथि को साकारात्मक रूप में पुष्टि की है। उनके अनुसार आने वाले मार्च तक गैर-निष्पादित ऋणदात्ताओं की संपत्ति में तेज़ी से गिरावट होने वाली है।

वित्त तथा उपभोक्ता के स्टॉक्स में वज़न दर्शाया गया। सबसे पीछे रहने वालों में पावर ग्रिड, हिंडालको इंडस्ट्रीज, इंडिया बुल्स, हाउसिंग फाइनेंस, एशियाई पेंट्स, ईचर मोटर्स, एच डी एफ सी बैंक, तथा आई टी सी थे। ऑटो और मेटल स्टॉक्स में भी 2018 की तुलना में कमी देखी गयी। मारुती के निराश निवेशकों ने भी मारुती के स्टॉक्स पिछले साल अनुसार 0.5% नीचे गिरा दिए। दिसंबर में बेहतर प्रदर्शन करने वाले ऑटो सेक्टर इंडेक्स का बुधवार को बुरा हाल रहा। बाज़ार के खुलते ही आयशर मोटर्स में भारी गिरावट देखी गयी और यह 5.34% तक लुढ़क गए।

किन्तु साल के दुसरे दिन ही निफ़्टी और सेंसेक्स में भारी गिरावट देखने को मिली जहाँ एक दिन पहले सेंसेक्स ने अच्छे आंकड़े दर्ज किये थे वही दुसरे दिन वो 147 अंक नीचे गिर गया। तथा निफ़्टी में भी गिरावट हुई जो कि अगले दिन 37 अंक लुढ़क कर 10872 पर आ गया।